"गाजियाबाद में मंदिर के बाहर प्रसाद बेचने वाले शाहरुख की दुकान बजरंग दल ने बंद करवाई"
गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने लोगों का ध्यान खींचा है। शाहरुख नाम का एक व्यक्ति, जो मंदिर के बाहर प्रसाद बेचकर अपने परिवार का गुजारा करता था, को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दुकान बंद करने पर मजबूर कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, शाहरुख की दुकान मंदिर के बाहर लगती थी, जहां वह प्रसाद बेचता था। यह काम वह अपने परिवार की आजीविका चलाने के लिए करता था। लेकिन जब बजरंग दल के सदस्यों को इस दुकान के बारे में पता चला, तो वे तुरंत वहां पहुंचे और दुकान को बंद करवाने का दबाव बनाया।
बताया जा रहा है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस बात पर आपत्ति जताई कि मंदिर के बाहर एक गैर-हिंदू व्यक्ति दुकान क्यों चला रहा है। उन्होंने मौके पर जाकर दुकान को बंद करवा दिया और यह सुनिश्चित किया कि शाहरुख फिर से वहां अपना काम न करे।
इस घटना ने धार्मिक सहिष्णुता और आजीविका के अधिकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या धर्म के नाम पर किसी की रोज़ी-रोटी छीनी जा सकती है? इस तरह की घटनाएं समाज में तनाव बढ़ाने का काम कर सकती
हैं।